भाग1: काला गुलाब। लंबे बाल, गोरा रंग, बड़ी-बड़ी आखें... एक अजीब सी खामोशी। शादी के एक फंक्शनम में राज ने उसे पहली बार देखा था। बस एक नजर... और उस नजर ने सब कुछ बदल दिया था। उसे नजर ने राज की पूरी दुनिया ही बदल दी थी। "शहर लड़की कुछ अलग है।"रज ने अपने दोस्त से कहा। "वह पागल हो रहा था उसके लिए।"उसने कहा, "हां, यह मेरी है। वक्त बदला।"अनु और राज अब एक ही स्कूल में थे। अनु ने 11वीं कक्षा में एडमिशन लिया, और थोड़े ही दिनों बाद राज भी उसी क्लास में आ गया। एक ही स्कूल बस थी राज उसमें आता था। अनु भी पर अनु ने कभी उसे एक लफ्ज़ तक नहीं कहा। लेकिन एक दिन अनु ने राज को देख लिया कि वह माया के साथ फ्लर्ट कर रहा था। उसे बहुत ज्यादा दर्द हुआ। राज को कभी लगा ही नहीं था। एक छोटी सी बात अनु को इतना तोड़ देगी। वो हमेशा से थोड़ी हंसी मजाक उसकी आदत थी। लेकिन उसे दिन... लंच ब्रेक में वीर ने राज से कैजुअल कहा। "यार , तुझे पता है क्या? जब तू माया के साथ फ्लर्ट कर रहा था ना कैंटीन में... तब अनु ने तुझे देख लिया। राज एकदम से चुप हो गया।
" हां भाई... तभी से भाई आपको इग्नोर कर रही है।" राज कुछ नहीं बोला... उसके चेहरे का रंग उतर गया। अगले दिन राज बस का इंतजार कर रहा था ... वह किसी और लड़की के साथ हंसती हुए कॉरिडोर में जा रही थी। उसकी मुस्कान... राज के दिल को तोड़ रही थी। उसने अपनी मुट्ठी जोर से बंद कर ली, उसकी आंखों में आग थी। "अनु"। उसने चीखकर पुकारा। लेकिन अनु ने उसे नजर अंदाज कर दिया ... और उस लड़की के साथ चली गई। क्लासरूम में अनु अपनी नोटबुक लेकर कुछ लाइनें लिख रही थी। तभी राज उसके पास आया। उसने अनु का हाथ पकड़ा, आंखों में सच्चाई और भवनाएं थी । "अनु, मेरी बात सुनो। तुम जेसा सोच रही हो ,ऐसा कुछ नहीं है...
लेकिन अनु ने अपना हाथ झटक से छुड़ाया । बिना कुछ कहे उसे लड़के के साथ चली गई ।
राज वहां खड़ा रह गया... आंखों में आंसू, दिल में पछतावा। "मैंने क्या कर दिया या? उसने धीरे से कहा। स्कूल की छुट्टी के वक्त: अनु गेट से बाहर जा रही थी , तभी राज ने फिर से उसका हाथ पकड़ लिया। "अनु प्लीज... मैं फ्लर्ट नहीं कर रहा था , तुम ही मेरा सब कुछ हो। तुम माया का नाम क्यों ले रही हो? मैं सिर्फ तुमसे..."
"प्लीज जमीन ,माया से फ्लर्ट करो, मुझे नहीं।" अनु ने फिर से अपना हाथ छुड़ाया। तभी पीछे से उसके पापा की आवाज आई:
"अनु !" अनु ने राज की तरफ देखा तक नहीं... चली गई। राज का सब कुछ टूट चुका था। उसने अपना बैग जोर से बेंच पर फेंका... वह जोर-जोर से चल्लाने लगा। आआआआआआआआआआआहहहहहहहह। तभी वीर आया..... उसने उसके कंधे पर हाथ रख... "वीर , राज से बोला, चलो घर चलते हैं। हर राज ने कुछ